दाल का दूल्हा उत्तर प्रदेश और बिहार की एक पारंपरिक डिश है, जो सादगी और स्वाद का अनोखा मिश्रण है। इसे विशेष रूप से सर्दियों के मौसम में बनाया जाता है, क्योंकि यह शरीर को गर्मी और ऊर्जा प्रदान करता है। इस व्यंजन का नाम थोड़ा रोचक है, और इसकी उत्पत्ति लोक परंपरा से जुड़ी हुई है। इसे अक्सर त्योहारों या विशेष अवसरों पर बनाया जाता है। यह डिश मुख्य रूप से मूंग या अरहर की दाल और आटे से बने छोटे-छोटे लड्डू नुमा टुकड़ों से तैयार की जाती है।
सामग्री:
- अरहर की दाल - 1 कप
- गेहूं का आटा - 1 कप
- नमक - स्वादानुसार
- हल्दी पाउडर - 1/2 चम्मच
- लाल मिर्च पाउडर - 1/2 चम्मच
- जीरा - 1/2 चम्मच
- हींग - 1 चुटकी
- घी - 2 बड़े चम्मच
- हरा धनिया - बारीक कटा हुआ (सजावट के लिए)
- पानी - आवश्यकतानुसार
विधि:
1. दाल की तैयारी:
- सबसे पहले अरहर की दाल को अच्छे से धोकर 30 मिनट तक भिगो दें।
- दाल को कुकर में डालें, उसमें हल्दी पाउडर, नमक और आवश्यकतानुसार पानी डालकर 2-3 सीटी लगाएं ताकि दाल अच्छी तरह पक जाए।
2. दूल्हे की तैयारी:
- गेहूं के आटे में थोड़ा सा नमक मिलाकर इसे सख्त गूंथ लें।
- अब इस आटे से छोटे-छोटे गोल लड्डू या दूल्हे के आकार के छोटे गोले बना लें। इन्हें ज्यादा बड़ा न बनाएं ताकि ये दाल में अच्छी तरह पक सकें।
3. दाल और दूल्हे को पकाना:
- जब दाल कुकर में पक जाए, तो कुकर का ढक्कन खोलें और उसमें थोड़ा पानी और मिलाकर उबालें।
- जब दाल अच्छे से उबलने लगे, तो इसमें तैयार आटे के दूल्हे डाल दें।
- इसे धीमी आंच पर 10-15 मिनट तक पकने दें, जब तक कि आटे के गोले (दूल्हे) पूरी तरह पक न जाएं। बीच-बीच में इसे चम्मच से हल्का हिलाते रहें ताकि दाल और दूल्हे आपस में चिपकें नहीं।
4. तड़का लगाना:
- एक पैन में घी गरम करें। इसमें जीरा, हींग डालें और तड़कने दें।
- फिर इसमें लाल मिर्च पाउडर डालकर तड़का तैयार करें।
- इस तड़के को दाल में डालें और अच्छे से मिक्स कर दें।
परोसने का तरीका:
- दाल के दूल्हे को गरमागरम परोसें और ऊपर से हरा धनिया छिड़कें। इसे आप चावल या रोटी के साथ भी खा सकते हैं। यह डिश पौष्टिक और स्वादिष्ट होती है।
टिप्स:
- आप दाल के दूल्हे में घी की मात्रा अपने अनुसार कम या ज्यादा कर सकते हैं।
- अगर आप इसे और भी हेल्दी बनाना चाहते हैं, तो आटे में थोड़ा बेसन या सत्तू मिलाकर दूल्हे बना सकते हैं।
निष्कर्ष:
दाल का दूल्हा एक पारंपरिक भारतीय डिश है, जो स्वास्थ्य और स्वाद दोनों का ख्याल रखती है। इसे बनाना भी बेहद आसान है और इसे खास अवसरों पर या सर्दियों में बनाकर इसका आनंद लिया जा सकता है।
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